What is NGO?: आजकल हम सभी अक्सर NGO का नाम सुनते हैं, लेकिन बहुत से लोगों को यह नहीं पता होता कि वास्तव में NGO क्या होता है। इसलिए, आपको अधिक सोचने की आवश्यकता नहीं है। NGO सरकार और निजी क्षेत्र के बीच एक महत्वपूर्ण ब्रिज का काम करता है।

यह संगठन उन स्थलों पर जाता है जहां सरकारी पहुंच सीमित होती है, और वहां के आवश्यकतामंद लोगों की सहायता करता है। साथ ही, ये संगठन सरकार को विभिन्न मुद्दों के प्रति संवेदनशील बनाते हैं और नीति निर्माण में भी योगदान देते हैं। हम इसी के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं।

आज के इस लेख में हम आपको NGO क्या है, इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं। अगर आप भी NGO के विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज का यह लेख आपके लिए अत्यंत उपयोगी होगा।

ये संगठन समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाते हैं और उन्हें बेहतर भविष्य की ओर ले जाने का प्रयास करते हैं।इसलिए, हम आपको सलाह देते हैं कि आप इसे पूरा पढ़ें।

What is NGO

What is NGO

NGO क्या है?

गैर-सरकारी संगठन (NGO) वे संगठन होते हैं जो सरकार से स्वतंत्र होकर सामाजिक हित में कार्य करते हैं। इन्हें अशासकीय संस्थाएं या गैर-लाभकारी संगठनों के नाम से भी पहचाना जाता है। ये संगठन आम नागरिकों, स्वयंसेवकों और समाज के वंचित वर्गों के सहयोग से विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हैं।

NGO का प्रमुख उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों की सहायता करना, सामाजिक कल्याण के कार्यों में हाथ बटाना, पर्यावरण की सुरक्षा करना, और लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। ये संगठन शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, बाल कल्याण, गरीबी निवारण, प्राकृतिक आपदा राहत, आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हैं।

NGO Full Form

NGO, जिसे हम अक्सर सुनते हैं, वास्तव में एक संक्षिप्त शब्द है। इसका पूरा नाम ‘गैर-सरकारी संगठन’ (Non-Governmental Organization) होता है। सीधे शब्दों में, NGO वे संगठन होते हैं जो सरकार से स्वतंत्र होकर सामाजिक हित में कार्य करते हैं। इन्हें अशासकीय संस्थाएं या गैर-लाभकारी संगठनों के नाम से भी पहचाना जाता है।

NGO के कार्य क्या हैं?

संगठनिक गैर-सरकारी संगठन (NGO) समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो सामाजिक कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण, बाल कल्याण, गरीबी उन्मूलन, और प्राकृतिक आपदा राहत जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं।

  1. सामाजिक कल्याण: गरीब, विकलांग, विधवा, अनाथ आदि वंचित वर्गों को सहायता प्रदान करना।
  2. शिक्षा: गरीब बच्चों को शिक्षा देना, स्कूल चलाना, शिक्षा सामग्री वितरित करना, छात्रवृत्तियाँ प्रदान करना।
  3. स्वास्थ्य: ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना, अस्पताल और क्लीनिक चलाना, निःशुल्क दवाइयां वितरित करना।
  4. पर्यावरण: वृक्षारोपण अभियान चलाना, जल संरक्षण कार्य करना, पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
  5. महिला सशक्तिकरण: महिलाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम चलाना, उन्हें स्वावलंबी बनाने में मदद करना, घरेलू हिंसा के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना।
  6. बाल कल्याण: बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना, बाल श्रम के खिलाफ लड़ना, बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
  7. गरीबी उन्मूलन: गरीबों को स्वावलंबी बनाने में मदद करना, रोजगार के अवसर प्रदान करना।
  8. प्राकृतिक आपदा राहत: प्राकृतिक आपदाओं के समय पीड़ितों को भोजन, आश्रय और चिकित्सा सहायता प्रदान करना।

NGO के नियम

एनजीओ (गैर-सरकारी संगठन) के लिए भारत में विभिन्न नियम और कानून लागू होते हैं। इन नियमों का प्रमुख उद्देश्य एनजीओ को पारदर्शी और उत्तरदायी बनाना, उनके कार्यप्रणाली को सुचारू रखना, और सुनिश्चित करना है कि वे सामाजिक हित के लिए कार्य कर रहे हैं। NGO के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम:

  1. पंजीकरण: एनजीओ को सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट या ट्रस्ट एक्ट के तहत पंजीकृत होना आवश्यक होता है।
  2. आयकर: NGO को आयकर से छूट मिलती है, लेकिन इसके लिए उन्हें कुछ निर्धारित शर्तों का पालन करना होता है।
  3. विदेशी अनुदान: यदि एनजीओ विदेशी अनुदान प्राप्त करना चाहती है, तो उसे FCRA (Foreign Contribution Regulation Act) के तहत पंजीकरण करवाना होता है।
  4. लेखा-जोखा: एनजीओ को अपने वित्तीय लेन-देन का लेखा-जोखा बनाना होता है और समय-समय पर इसका ऑडिट करवाना होता है।
  5. शासन परिषद: NGO में एक शासन परिषद का होना अनिवार्य है, जो संगठन के कार्यकाज का संचालन करती है।
  6. सदस्यता: एनजीओ में सदस्यता प्राप्त करने के लिए कुछ नियम और शर्तें होती हैं।
  7. कार्य: एनजीओ को अपने उद्देश्यों के अनुसार कार्य करना होता है और सामाजिक हित के लिए कार्य करना होता है।

NGO के क्या फायदे हैं?

एनजीओ (गैर-सरकारी संगठन) समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण संस्थाएं होती हैं। वे सामाजिक विकास और परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एनजीओ के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:

1. सामाजिक कल्याण: एनजीओ गरीबों, विकलांगों, विधवाओं, अनाथों, आदि जैसे वंचित वर्गों की सहायता करते हैं। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, आदि जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। वे सामाजिक जागरूकता फैलाने और सामाजिक बुराइयों को दूर करने में भी मदद करते हैं।

2. विकास: एनजीओ शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, आदि जैसे क्षेत्रों में विकासात्मक कार्य करते हैं। वे लोगों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद करते हैं। वे ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

3. पर्यावरण: एनजीओ पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। वे वृक्षारोपण अभियान चलाते हैं, जल संरक्षण के लिए कार्य करते हैं, और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हैं। वे जलवायु परिवर्तन जैसी गंभीर समस्याओं से निपटने में भी मदद करते हैं।

4. आपदा राहत: एनजीओ प्राकृतिक आपदाओं के दौरान पीड़ितों को भोजन, आश्रय और चिकित्सा सहायता प्रदान करते हैं। वे आपदा राहत और पुनर्वास कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

5. नागरिक भागीदारी: एनजीओ लोगों को सामाजिक और राजनीतिक प्रक्रियाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। वे लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करते हैं और उन्हें अपनी आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

6. लोकतंत्र को मजबूत करना: एनजीओ लोकतंत्र को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे सरकार को जवाबदेह बनाते हैं और नीति निर्माण में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करते हैं।

भारत में कुछ प्रमुख NGO

  1. सेवा भारती
  2. भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी
  3. रोटरी क्लब
  4. लायन्स क्लब
  5. ऑक्सफैम
  6. केयर इंडिया

NGO पंजीकरण प्रक्रिया हिंदी में

भारत में एक Non-Governmental Organization (NGO) को पंजीकृत करने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो सकती है, लेकिन कई चरणों का पालन करके इसे पूरा किया जा सकता है।

  1. सबसे पहले आप अपने एनजीओ की संरचना चुनें।
  2. उसके बाद आप आवश्यक दस्तावेज तैयार करें।
  3. अंत में आप इसे पंजीकरण करें।
  4. आप ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया का भी लाभ उठा सकते हैं, जो कई राज्यों में उपलब्ध है।
  5. पंजीकरण शुल्क का भुगतान करें और दस्तावेज जमा करें। प्रसंस्करण के बाद, आपको पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त होगा।
  6. पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद, NGO के नाम से बैंक खाता खोलें।
  7. यदि आपका एनजीओ विदेशी अनुदान प्राप्त करना चाहता है, तो आपको विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के तहत पंजीकरण करना होगा।
  8. सभी NGO को वार्षिक अनुपालन बनाए रखना होता है, जिसमें वित्तीय विवरण दाखिल करना और आयकर रिटर्न जमा करना शामिल है।

कृपया ध्यान दें: यह एक साधारण मार्गदर्शन है और विशेष प्रक्रिया आपके राज्य और चुनी गई संरचना के अनुसार अलग हो सकती है। निर्दिष्ट जानकारी और सहायता के लिए, आपसे सलाह दी जाती है कि आप किसी वकील या चार्टर्ड एकाउंटेंट से परामर्श करें।

महत्वपूर्ण लिंक

Join Teligram
Home Page

 


Comments are closed.